हरियाणा

पंजाब सरकार व किसानों के बीच तकरार में हुई किसानों की जीत,जानिए कैसे

सत्य खबर, पंचकूला ।   

हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर शुक्रवार को पंजाब पुलिस व प्रशासन की किसान नेताओं से मीटिंग हुई। पंजाब पुलिस ने डल्लेवाल को रिहा करने की बात मान ली। जिसके बाद किसान डल्लेवाल को लेने के लिए खनौरी बॉर्डर से लुधियाना के लिए रवाना हो गए।

 

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि अभी हमारी डल्लेवाल से बात नहीं हुई है, लेकिन अधिकारियों ने बताया है कि उनकी सेहत ठीक है। हमारी पंजाब सरकार से सिर्फ एक मांग थी कि डल्लेवाल को रिहा किया जाए। सरकार ने उनकी मांग मान ली है। वह खनौरी बॉर्डर पर मोर्चे में शामिल होंगे। उनका मरणव्रत जारी रहेगा। डल्लेवाल के आने के बाद एक दिसंबर के प्रदर्शन को लेकर फैसला होगा।

 

दरअसल, 26 नवंबर को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत शुरू करना था। इससे पहले रात 2 बजे पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें खनौरी बॉर्डर पर टेंट से हिरासत में ले लिया। इसके बाद उन्हें लुधियाना के DMC अस्पताल ले जाया गया था।

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इसके बाद किसानों ने खनौरी बॉर्डर पर मीटिंग की। जिसमें फैसला हुआ कि पूर्व सैनिक सुखजीत सिंह हरदो झंडे खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत पर बैठेंगे। आज उनके मरणव्रत का चौथा दिन है।

 

 

किसान नेताओं से मीटिंग के बाद IG जसकरण सिंह ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल को लुधियाना DMC अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा रहा है। जल्द ही किसान नेता उन्हें खनौरी बॉर्डर लेकर आ जाएंगे। पंजाब सरकार को डल्लेवाल की सेहत की चिंता थी। किसानों को रिक्वेस्ट की गई है कि किसी भी स्टेज पर कोई दिक्कत आए तो मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी।

 

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एक दिन पहले किसानों ने 1 दिसंबर को संगरूर में सीएम भगवंत मान के खिलाफ प्रदर्शन करने का फैसला लिया था। उनका आरोप है कि उनकी लड़ाई 10 महीने से केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ चल रही थी, लेकिन पंजाब सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया।

 

किसान नेताओं ने कहा कि वरिष्ठ किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को हिरासत में लेने से यह साफ हो गया है कि केंद्र सरकार की तरह पंजाब सरकार भी आंदोलन को दबाने में लगी हुई है। सीएम भगवंत मान पहले कहते थे कि मैं किसानों का वकील हूं। मैं किसानों की तरफ से बोलता हूं। इसके साथ ही उन्होंने किसानों के मुद्दों को हल करवाने के लिए चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों को बुलाया था। अब सीएम को बताना चाहिए कि उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर अब तक केंद्र से क्या चर्चा की है।

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